Saturday, March 16, 2013

देख के तुम को लगता है, कितने अपने से हो तुम

मेरी आँखों में जैसे बस रहे, एक सपने से हो तुम!
देख के तुम को लगता है, कितने अपने से हो तुम !!
हमे होश नहीं रहता, जो नज़र आ जाओ कही तुम !
 दुनिया से चुरा ले हम तुमको , हो जाये कही गुम !!


हर अदा तुम्हारी हम पर जादू सा कर रही है
पलकों की छांव में कोई जैसे शाम ढल रही है
मुस्कान पर तुम्हारी जैसे लहरें फिसल रही है 
देख तुम्हारे गालो की लाली, हसरत मचल रही है


काले बालो में घेरे हुवे हो न जाने कितनी रात तुम !
 देख के तुम को लगता है, कितने अपने से हो तुम!!
हमे होश नहीं रहता, जो नज़र आ जाओ कही तुम,!
दुनिया से चुरा ले हम तुमको , हो जाये कही गुम !!


















 तेरी हंसी के वास्ते मै  हर चीज़ वार दूं
सारे जहाँ की खुशियों से जीवन सवार दूं
जो कभी न भूल पाए तुम्हे उतना प्यार दूं 
तुझसे मोहब्बत कर तेरा यौवन निखर दूं 

मेरा जीवन तुमसे रौशन मेरी हर एक बात में तुम !
देख के तुम को लगता है, कितने अपने से हो तुम!!
हमे होश नहीं रहता, जो नज़र आ जाओ कही तुम!
 दुनिया से चुरा ले हम तुमको , हो जाये कही गुम!!






Teri tasveer me hame ab wo khoya sansar nahi milta



Ek arsaa hua teri aagaosh me khud ko khoye huve
na jaane kai saalo se hame tera deedar  nahi milta

 Roz hoti hai hai  kehne ko tumse meri mulakaatein

meri nazar ko teri nazar se ab wo aitbaar nahi milta

milne ko milte hai khabo me tujhse  josho kharosh se 
meri bechain dhadkano ko zara bhi karar nahi milta

dhoondta rehta hun har lamha par wo pyar nahi milta
Teri tasveer me hame ab wo khoya sansar nahi milta



Thursday, March 14, 2013

मैंने जीना सीख लिया था

मैंने जीना सीख लिया था , ग़म को पीना सीख लिया था
आंसू को मुस्कान बना के, मैंने लबों को सीना सीख लिया था

वो लम्हों की सौगातें मुझको न सोने देती थी रातो को
कैसे भूलूं मै उस पल को जब मैंने छुआ था तेरे हाथों को
तेरे आग़ोश में आते ही जैसे, मेरा सार संसार बदल गया था
 वक्त ने रुख कुछ यूँ बदला, मै उन बातो से निकल गया था ,
आंसू को मुस्कान बना के,  मैंने लबों को सीना सीख लिया था














तेरी हर एक मुस्कान में जैसे मोती बरसते लगते थे
तेरे रूप का दर्शन पाने दुनिया जहां के लोग तरसते थे
एक अजबसा अपनेपन था तुझमे,  मै रंग में तेरे ढल गया था
किरनो से फिर रंग जो निखारा, लगा तू जैसे बदल गया था
आंसू को मुस्कान बना के, मैंने लबों को सीना सीख लिया था



Saturday, March 9, 2013

Tum ho to haasil hai duniya jahan ki khushi


Tum ho to haasil hai duniya jahan ki khushi
tere hone se mere honto pe aa pati hai hansi

tu hai sathi meri, tu sahara mera
tu jeene ki leher, tu kinara mera
tere hona lage jaise nahi koi kami
tu hai in ankhon me jabs nai koi nami

tu meri chahat,tu hi anjaam hai
tu meri arzoo, tu hi mukaam hai
mai rab se duva me, bas maangu tujhe
teri ibadat hamesha ko, hasil ho mujhe

Tum ho to haasil hai duniya jahan ki khushi
tere hone se mere honto pe aa pati hai hansi

Tuesday, March 5, 2013

तुम को देख कर मुस्कुराता हूँ मैं

Diamond Heart Blogspot















     


तुम को देख कर मुस्कुराता हूँ मैं , सारे ग़म  खुद बा खुद भूल  जाता हूँ मैं
राह आसान  सी मेरी हो जाती  है, हम सफ़र जब तुम्हे साथ पाता हूँ मैं

तेरा नाम लब पे है यूँ बस गया, देखो रब से ज्यादा तुझे याद  करने लगे 
सारे आंसु मेरे तब से ओझल हुवे, जब से पलकों में मेरे तुम सवरने लगे
न कोई दर्द है और न ही कोई कमी , तू मिले यूँ हमें जैसे मंजिल मिले 
जग के सैलब में तू ही कश्ती मेरी, हम जहाँ भी बहें तू ही साहिल मिले

तुम को देख कर मुस्कुराता हूँ मैं , सारे ग़म  खुद बा खुद भूल  जाता हूँ मैं
राह आसान  सी मेरी हो जाती  है, हम सफ़र जब तुम्हे साथ पाता हूँ मैं

 



Thursday, January 31, 2013

कल के इंतज़ार में फिर कल गुज़र गया

कल के इंतज़ार में फिर  कल गुज़र गया 
मुझे इंतज़ार मिला, मै चाहे जिधर गया
एक पल था मेरे पास न जाने किधर गया 
ख्वाब था आँखों का पलकों में बिखर गया

दो पल को सही तू साथ देने आया तो था 
दूर तक कदमो का साथ निभाया तो था 
हाथ की लकीरों में सही तुझको पाया तो था 
फिर मेरे साथ तेरी यादो का वो साया तो था 
अंधियारी गलियों में वो साया बिछर  गया 
मुझे इंतज़ार मिला, मै चाहे जिधर गया

बन्दे की हर मुराद को रब की मंज़ूरी नहीं 
हसरत हर दिल की पूरी हो ज़रूरी नहीं 
अनमोल नही कोई रिश्ता जिसमे दूरी नहीं 
वो क्या मोहब्बत जिसमे मजबूरी नहीं
वो रंग गहरा होता है जो टूट के निखर गया 
ख्वाब था आँखों का पलकों में बिखर गया












 

Monday, January 28, 2013

अब नहीं रोते हम न हमारी आँख नम होती है

हमें आदत सी हो गयी है उसी की याद में रहने की
नशा इतना है उसका, शराब की ज़रूरत नहीं होती
अब नहीं रोते हम न हमारी आँख नम होती है
मेरी हर खवाइश अब  चादर तान कर सोती है

क्या बिगड़ जायेगा मेरा बोलो, जो पास वो नज़र न आएगा
मेरा साया अँधेरी राह में देखना है कितनी  दूर तक जायेगा
भीड़ दुनिया की मेरे साथ है हर चोट पर हसने क लिए
क्यों ज़रूरत हो उसके कांधे की अपना सर रखने के लिए
खुश हूँ की हर दिन रोज़ उम्र मेरी कम होती है
अब नहीं रोते हम न हमारी आँख नम होती है  .....












न उसे, न हमें ऐतबार है अबतक की हुई मुलाकात का
क्या नतीजा निकला है देखो उनसे की इतनी बात का
जब छोड़ के चले गए मुझको, न सोचा मेरे हालात का
दिन मुबारक हो उन्हें  , हमें तोहफा मिला है रात का
एक बार मुहब्बत होती है, यूँ हर दम नहीं होती
अब नहीं रोते हम न हमारी आँख नम होती है  .......